और लोग यूंही नही कहते हैं कि रिश्ते दिल से बनते हैं, जब कोई चाहने वाला आपसे कहीं दूर चला जाता है, यकीन मानो आँसू भले आंखों से निकलते हो, पर दर्द तो साला सीने में ही होता है।
तो ऐसे ही एक वक्त पर जब वो मुझसे दूर जा रही थी, तब मैंने लिखा था की:
तुझे तो पता होगा
की इसके आगे क्या होगा
क्या मौत का मज़ा होगा
या जिन्दगी सज़ा होगा
और टूट के जो रोया हूँ मैं
क्या सच में तू खुदा होगा
भीड़ में भी अब शायद
मैं तन्हा ही खड़ा होगा
महखाने में पड़ा होगा
या नाली में गिरा होगा
की इसके आगे क्या होगा
तुझे तो पता होगा
Tujhe to pata hoga
ki isse aage kya hoga
kya maut ka maza hoga
ya jindgi saza hoga
or tut k jo roya hun mai
kya sachme tu khuda hoga
bhid me bhi ab shayad
mai tanha hi khada hoga
mehkhane me pada hoga
ya naali me gira hoga
ki iske aage kya hoga
tujhe to pata hoga